Gaya Bihar famous बकरखानी कब कैसे शुरू हुआ जाने पोरी जानकारी

Gaya Bihar famous बकरखानी कब कैसे शुरू हुआ जाने पोरी जानकारी 

Gaya Bihar famous बकरखानी
Gaya Bihar famous बकरखानी

गया बिहार के फेमस बाकरखानी और चाय वाला बिस्कुट कौन खास चाय वाला खस्ता बिस्कुट के बारे में कौन नहीं जानता आपको हम बता दें कि गया पूरे बिहार में ही नहीं पूरे हिंदुस्तान में ही बहुत मस्त है अपनी बाकरखानी की वजह से और खस्ता बिस्कुट की वजह से जो लोग गया बिहार में रहते हैं वह लोग खूब अच्छी तरीके से जानते हैं कि बकर खानी कहां अच्छा मिलता है और किन के कान पुरी जमा मस्जिद रोड में बकर खानी चाय वाला खस्ता बिस्कुट लाची और भी तरह के जो रिश्तेदारों में हर अच्छी बाटी जाति है जो रिश्तेदारों को खुश करने के लिए बकर खानी दी जाती है चाय वाला बिस्कुट दिया जाता है मेहमान नवाजी के लिए और ऐसे लोग बहुत सारे लोग तो फल लेकर जाते हैं फ्रूट लेकर जाते हैं या फिर मिठाई लेकर जाते हैं लेकिन उसकी जगह पर बहुत सारे लोग यह पसंद करते हैं कि हम बकर खानी उनके घर में दें और चाय वाला बिस्कुट खस्ता बिस्कुट क्योंकि यह बहुत ज्यादा फेमस है ।

गया में बकरखानी की शुरुआत किसने की।

जामा मस्जिद गया रोड़ में मोहम्मद मजहर के पूर्वजों द्वारा शुरुआत की गई थी तब की समय बिहार के बाकरखानी का नाम और निशान नहीं था लेकिन उनकी मजहरूद्दीन पूर्वजों ने यह शुरुआत की और धीरे-धीरे देख लोगों में इसकी चाहत बढ़ती गई और सेल होता गया ज्यादा मार्केट में लोगों के मांग गई तो और भी दुकान खोलना शुरू हो गई तो लोग भी ज्यादा हो गए जैसे उनकी कई दुकान भी हैं बकरा खानी के मजहर के पूर्वजों ने शुरुआत की थी ।

 

कई प्रक्रिया से गुजर कर तैयार होती है बाकरखानी

 

मैदा, दूध, काजू, किशमिश, चीनी, वनस्पति घी, तिल सहित कई अन्य सामान से बनने वाला बाकरखानी कई प्रक्रिया से होकर तैयार होता है. बाकरखानी का कारोबार कर रहे मो मिस्टर बाबू ने बताया कि सबसे पहले मैदा, दूध व चीनी मिलाकर अच्छी तरह से साना जाता है. इसके बाद इसे इसमें काजू, किशमिश का मिलाया जाता है.

खस्ते के लिए वनस्पति घी का उपयोग किया जाता है. इसके बाद इसे रोटी आकार में बेला जाता है. इसके बाद कांटे से गोद कर लच्छा पराठा की तरह की आकार में ढाला जाता है. इसके बाद आग की भट्टी की दीवाल के सहारे इसकी सिंकाई की जाती है.

अच्छी तरह सिकाई हो जाने के बाद इसे घी में डूबा कर निकाल लिया जाता है. सुंदर व आकर्षक दिखने के लिए तैयार बाकरखानी की रंगाई भी की जाती है. काजू, किशमिश की मात्रा के अनुसार बाकरखानी की कीमत निर्धारित होती है. खुदरा बाजार में इस क्वालिटी की बाकरखानी 70 से 120 रुपये प्रति पीस बिक रही है

दो बड़े सहित एक दर्जन से भी अधिक छोटे होटलों में भी बनाया जाता है बाकरखानी

 

जामा मस्जिद रोड में बड़े पैमाने पर मो मजहर बाबू के वारिस मो इस्लाम व मिस्टर बाबू द्वारा संचालित बड़े कारखाने में प्रतिदिन औसतन तीन सौ पीस बाकरखानी बनायी जाती है. इसके अलावा छत्ता मस्जिद रोड स्थित अधिकतर होटलों में भी बाकरखानी का कारोबार होता है. क्वालिटी के अनुसार अलग-अलग रेट में बाकरखानी बाजार उपलब्ध है. बिस्किट क्वालिटी की बाकरखानी 20 तो उच्च क्वालिटी की बाकरखानी 70 से 120 रुपये तक प्रति पीस खुदरा बाजार में बिक रही है.

रिपोर्ट ताज़ा गाय बिहार गाय बिहार निवासी नूरुलजासन ।

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