नीट एग्जाम 2024 में बिहार के गया जिला की इशिका ने सफलता प्राप्त की

नीट एग्जाम 2024 में इशिका ने गया जिला का नाम रोशन किया

  •  बांके बाजार नीट की परीक्षा में रोशनगंज के इशिका ने प्रथम प्रयास में ही 720 में 663 अंक यानी 99.17 फ़ीसदी प्राप्त कर सफलता हासिल किया
    रोशनगंज
    की रहने वाली  खेल प्रमोटर तरुण कुमार एवं वंदना की सपुत्री इशिका ने 2024 में नीट एग्जाम में मंगलवार को जारी एमबीबीएस के रिजल्ट में सफलतापूर्वक अपनी झंडा लहराया माता-पिता का नाम रोशन किया एवं गया जिला का भी नाम रोशन किया यह भी बड़ी बात है कि कोई गया जिला से अगर अपने जिला से अगर कोई टॉपर बनता है कड़ी एग्जाम नीड जैसी एग्जाम यानी जिसमें बहुत कड़ी मेहनत करनी पड़ती है खासकर के बहुत ज्यादा इसमें कंपटीशन होता है बच्चों के बीच में और बहुत सारे लोग इसकी चाहत रखते हैं कि हम भी सफल झंडा लहरा सफल हो जाए तो यह बड़ी बात है इशिका के लिए और इशिका के माता-पिता के लिए भी और जिले के लिए भी की जिला में गया जिला के एक छोटे से गांव रोशनगंज बांके बाजार में रहने वाली इशिका ने अपना झंडा लहराया नीट जैसी कड़ी एग्जाम में

 

इशिका की पढ़ाई कैसे हुई और कहां हुई और क्या उसने हासिल किया

  • आपको हम बता दें कि इशिका शुरू से ही एक अच्छी छात्र रही है यानी पढ़ने लिखने का शौक रहा है और खूब मेहनत से पढ़ती लिखती थी इशिका की पढ़ाई तन्वी की परीक्षा cbsc  बोर्ड से डीबीएस हैदराबाद से हुई तथा 12वीं परीक्षा तेलंगाना बोर्ड से प्रथम श्रेणी से पास की थी यह बड़ी बात है ।

 

इशिका का नामांकन
  • इशिका का नामांकन देश के उच्च मेडिकल कॉलेज में हो जाएगा इसमें कोई दोहराए की बात नहीं है 720 में 663 अंक यानी 99 पॉइंट 17 फ़ीसदी प्राप्त करके आप देश के उच्च कॉलेज में तो नाम लिखा ही सकते हैं

 

इशिका के पिता क्या करते थे

  •  इशिका के पिता प्रमोटर क्रिकेटर थे वर्तमान में ईशा के पिता देश की मिलिट्री सेवा में है

 

आपको हम बता दें कि नित 2024 एग्जाम इस बार विवादों में रहा है क्योंकि इस बार टोटल छात्र 23 लाख से भी ज्यादा यानी 23 लाख 33297 बच्चे बैठे थे जिसमें यह पहली बार हुआ 2024 नीट एग्जाम में पहली बार ऐसा हुआ गजब हो गया की 67 बच्चे 67 छात्र 720 में 720 लाया और यह पहली बार ऐसा हुआ

 

सारांश

इशिका ने कहा
सफलता का पूरा ताज अपने माता पिता को देती हूं उन्हों ने मेरा हर समय साथ दया मेरे फैसले में मेरा भर पूर साथ दया इसी लिए में आज कामयाब हो पाई हों
इशिका को शाबाशी देनी चाहिए क्योंकि उसने कड़ी मेहनत से गाया जिला का अपने माता-पिता का नाम रोशन किया और यह बिहार के लिए गौरव की बात है और जहां तक हो सके इशिका के हौसले को बुलंद करना चाहिए क्योंकि नीट जैसी एग्जाम में सफलता का लेना यह हर किसी के बस की बात नहीं होती है हर किसी की एक चाहत होती है ड्रीम होती है बच्चों लोगों की ख्वाहिश होती है और से पाया जाता है ।

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